होशियारपुर – आज श्रीमती सरस्वती देवी मेमोरियल एजुकेशनल एंड वेलफेयर सोसाइटी की तरफ से भारत सरकार की स्कीम नई–रौशनी (अल्पसंख्यक महिलायों में नेतृत्व विकास प्रशिक्षण) अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालयों के तहत हैंडहोल्डिंग की मीटिंग पिपलांवाला और पुरहीरां होशियारपुर में की गयी |
सोसाइटी चीफआर्गेनाइजर श्रीमती पूजा शर्मा ने बताया कि पिछले कुछ समय से विश्व भर में खाद्य पदार्थों की मांग में काफी ज्यादे वृद्धि हुई है, जिसके कारण काफी तेजी से भूमि और प्राकृतिक संसाधनो का दोहन शुरु हो गया है। जैसे-जैसे भूमि की गुणवत्ता खराब होते जा रही है, विश्व भर में सूखे और अकाल की घटनाओं में वृद्धि होती जा रही है। इन घटनाओं के कारण तथा लोगों की बढ़ती जरुरतों को देखते हुए विश्व भर में खेती के उपज को बढ़ाने वाले तरीकों का प्रयोग किया जा रहा है और अंततः इसी ने विश्व भर में कार्बनिक खेती को बढ़ावा देने का कार्य किया।
उन्होंने ने बताया कि विभिन्न प्रकार के जैविक फल और सब्जियां बाजार में उपलब्ध है। इनमें से जैविक फल, सब्जियां, अनाज और दुग्ध उत्पाद सबसे ज्यादे मात्रा में खरीदे जाते हैं। इसके अलावा जैविक खाद्य पदार्थों द्वारा तैयार किये गये सोडा, कुकीज और नाश्ते में उपयोग होने वाला दलिया आदि जैसी वस्तुएं बाजार में आसानी से उपलब्ध है। बाजार में खाद्य पदार्थों जैसे की फलों और सब्जियों के बढ़ती मांग के कारण उनमें कई बार कीटनाशकों के तत्व भी पाये गये हैं।
यहीं कारण है कि जैविक खाद्य पदार्थों की लोकप्रियता काफी बढ़ गयी है और अब लोग अनाज, दालों, चाय, मसालों और तिलहन में भी जैविक तरीके से उत्पन्न वस्तुओं को वारीयता दे रहे हैं। सेब, पीच, स्ट्राबेरी, अंगूर, सेलरी, पालक, खीरे, चेरी, टमाटर, पीज, आलू और मिर्च जैसी ऐसी कुछ फल और सब्जियां है, जिन्हें जैविक रुप से ही उगाया जाना चाहिए क्योंकि इन पर अन्य फलों और सब्जियों की तुलना में अधिक मात्रा में कीटनाशकों का उपयोग किया जाता है। इस मीटिंग में गुरमीत कौर , गुरविंदर कौर , रीनू सैनी , मंजीत कौर,मीणा कुमारी , जसवीर कौर , करम आदि उपस्थित थे |
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