NEW DELHI (BALWINDER SINGH),DOABA TIMES : पूर्व केंद्रीय वित्तमंत्री पी. चिदंबरम कारावास में 106 दिन बिताने के बाद बुधवार को तिहाड़ जेल से रिहा हो गए। सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें दो लाख रुपये के निजी मुचलके और बिना इजाजत विदेश न जाने की शर्त पर जमानत दी है। उनके बेटे कार्ति चिदंबरम उन्हें लेने तिहाड़ पहुंचे और जेल के बाहर बड़ी संख्या में मौजूद कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उनका स्वागत किया।
आज सुबह सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जांच एजेंसी द्वारा एक सील कवर में सामग्री प्रस्तुत करना संभावित रूप से आरोपी के पूर्व ट्रायल को रोक सकता है। अदालत ने यह टिप्पणी आईएनएक्स मीडिया घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दर्ज एक मनी लॉन्ड्रिंग केस में वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम को जमानत देते समय की। सुनवाई के अंतिम दिन ईडी की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने मामले से जुड़ी जानकारी वाले तीन सीलबंद लिफाफे सौंपे थे।
न्यायमूर्ति आर. भानुमति की अध्यक्षता वाली पीठ में उनके अलावा न्यायमूर्ति ए. एस. बोपन्ना और न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय ने कहा कि दिल्ली हाईकोर्ट, जिसने पिछले महीने चिदंबरम को जमानत देने से इनकार कर दिया था, को एक सीलबंद लिफाफे में मौजूद सामग्री के आधार पर रिकॉर्ड दर्ज नहीं करना चाहिए था।
शीर्ष अदालत ने कहा, अगर हर मामले में अभियोजन पक्ष एक सीलबंद लिफाफे में दस्तावेज प्रस्तुत करता है और उसी पर निष्कर्ष दर्ज किए जाएं कि अपराध किया गया और इसे जमानत देने या अस्वीकार करने का आधार माना जाए तो यह निष्पक्ष सुनवाई की अवधारणा के खिलाफ होगा। शीर्ष अदालत ने पाया कि वर्तमान परिस्थितियों में वह सीलबंद लिफाफे को खोलने की इच्छुक नहीं है। अदालत ने हालांकि कहा कि दिल्ली हाईकोर्ट ने सीलबंद लिफाफे में दस्तावेज को स्वीकार किया और खास निष्कर्ष पर पहुंच गया और इसलिए वह आदेश चुनौती देने लायक है।
EDITOR
CANADIAN DOABA TIMES
Email: editor@doabatimes.com
Mob:. 98146-40032 whtsapp