प्रगट भ्यो नंदलाल गिर्दगर गोपाला पर झूमे भक्त
GARHDIWALA (योगेश गुप्ता) दरबार श्री पिंडोरी धाम की शाखा मेटी कांगड़ा हिमाचल प्रदेश में वर्तमान पीठाधीश्वर महंत श्री रघुवीर दास जी की अध्यक्षता में चल रही श्रीमदभागवत कथा सप्ताह में कथा से पहले मंगल आरती की गई उपरांत कथा के चौथे चरण में कथा व्यास श्री राजीव कृष्ण जी ने अपने मुखार बिंद से कथा का रसपान करवाते हुए हिरणकश्यपु व प्रहलाद चरित्र सुनाते हुए कहा कि भक्त के भाव को अपने इष्ट के प्रति भक्त की आस्था को केवल प्रभु ही समझ सकते है । इस लिए जीव को अपना दुख संसार के सामने नही केवल प्रभु के सामने ही प्रकट करना चाहिए । प्रभु पालनहार है वह शरण मे आये भक्तों के दुखों को हर लेते है । उन्होंने प्रह्लाद की कथा का वर्णन करते हुए कहा कि भगवान का परम भक्त प्रहलाद जिसके पिता हिरणकश्यपु द्वारा बहुत ही भयंकर कष्ट दिए गए यहां तक कि प्रह्लाद जी को विष पिलाया गया । हाथी से कुचलवाया गया अग्नि भेंट किया तरह तरह की यातनाएं दी गई। परन्तु श्री प्रह्लाद जी हर जगह अपने प्रभु का ही दर्शन कर रहे थे। इस लिए उन्हें कहि भी पीड़ा का एहसास नही हुआ। क्योंकि उन्हें विश्वास था कि मेरे प्रभु सदा सर्वदा सर्वत्र विराजमान हैं । तो प्रभु नरसिंह भगवान ने भक्त के विश्वास को पूर्ण कर बता दिया की भक्त की इच्छा एवं विश्वास को पूर्ण करने के लिए वह कहि भी किसी भी समय प्रकट हो सकते है । उन्होंने कहा कि भक्त को किसी की भी निंदा चुगली नही करनी चाहिए ।सिर्फ भगवान की ही स्तुति करनी चाहिए एवं सुननी चाहिए। प्रभु चरित्र को श्रवण करने से भगवान का चिंतन करने से प्रभु की कृपा अवश्य प्राप्त होती है ।उन्होंने कहा जिस तरह एक विशाल पेड़ एक छोटी सी कुल्हाड़ी से कट जाता है। ठीक उसी तरह प्रभु के चरण कमल का स्मरण करने से जीव के सारे कष्ट कट जाते है । प्रकट भयो नंद लाला गिरधारी गोपाला भजन पर खूब झूमे श्रद्धालु । इस मौके पर भारी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे ।
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