8 जनवरी की हड़ताल करके जन विरोघी-राष्ट्र विरोधी नीतियों तथा एन.पी.आर के चोर दरवाजे के रास्ते सी.ए.ए. तथा ऐन.सी.आर. लागू करने के विरोध में भी आवाज़ बुलंद करेंगे – रघुनाथ सिंह
HOSHIARPUR (ADESH PARMINDER SINGH) आज यहां अलग-अलग मज़दूर-मुलाजिम संगठनों की एक सांझी मीटिंग अमर शहीद कामरेड चनन िंसह धूत भवन में की गई जिस में अलग-अलग ट्रेड यूनियनों के अतिरिक्त अनेकों सार्वजनिक क्षेत्र के संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। मीटिंग की अध्यक्षता सीटू के ज़िला प्रधान कमलजीत सिंह राजपुर भाईयां, किसान सभा ज़िला होशियारपुर के प्रधान कामरेड गुरनेक सिंह भज्जल तथा खेत मज़दूर यूनियन के प्रधान कामरेड गुरमेश सिंह ने सांझे तौर से की।
मीटिंग को सम्बोधित करते हुये पंजाब सीटू के जनरल सचिव कामरेड रघूनाथ सिंह ने कहा कि 8 जनवरी की हड़ताल बेमिसाल होगी। भारत के 250 से अधिक किसान व खेत मज़दूरों के संगठनों की ओर से हड़ताल में शामिल होने तथा गामीण भारत बंद करने के फैंसले का मज़दूर वर्ग में भारी उत्साह पैदा हो गया है। रघुनाथ सिंह ने कहा की 8 जनवरी को हड़ताल करके मेहनतकश लोग जन विरोघी-राष्ट्र विरोघी नीतियों, रिर्काड तोड़ महिंगाई, बेरोज़गारी तथा सार्वजनिक क्षेत्र के अन्धाधुंध निजीकरण के विरुद्ध आवाज़ बुलंद करेंगे वहीं भाजपा तथा इसके संघ ब्रिगेड की तरफ से भारत के लोकतांत्रिक, धर्म र्निपेक्ष तथा संघीय ढांचे को तहस नहस करने की साज़िशों का भी मुंह तोड़ जबाब दिया जाएगा। मोदी सरकार की तरफ से भारत को हिन्दु राष्ट्र बनाने के लिए किए जा रहे प्रयासों को सफल नहीं होने दिया जाएगा। मोदी-शाह की जुंडली की तरफ से एन.पी.आर के चोर दरवाजे के रास्ते सी.ए.ए. तथा ऐन.सी.आर. लागु करके भारत में सांप्रदायिक नफरत फैलाने के विरुद्ध जोरदार आवाज़ बुलंद की जाएगी।
इस अवसर पर अपने संबोधन में सीटू जिला होशियारपुर के जनरल सचिव कामरेड महिन्द्र कुमार बढ़ोआणा ने 8 जनवरी की हड़ताल की मुख्य मांगों सबंधी जानकारी देते हुए बताया कि 8 जनवरी को हड़ताल करके श्रमिक मांग करेंगे कि डिफेंस, रेल्वे, वित्त क्षेत्र, एअर इंडिया सहित सारे सार्वजनिक क्षेत्र का निजीकरण बंद किया जाए। ठेका मज़दूर प्रणाली तथा आउट सोरसिंग पर रोक लगाई जाए। कम से कम मज़दूरी 21 हज़ार रुपये प्रति महीना तथा 700 रुपये दिहाड़ी की जाए। रोज़गार के अधिकार को संविधान के मौलिक अधिकारों में शामिल किया जाए। स्कीम वर्गों को मज़दूर का दर्जा दिया जाए तथा इनको कम से कम मज़दूरी के कानून के अंतर्गत लाया जाए। श्रम कानून में किए जा रहे मज़दूर विरोधी संशोधन रद्ध किए जाएं। इस अवसर पर कामरेड दर्शन सिंह मट्टु ने कहा कि पीने वाले पानी के बिल माफ किए जाएं तथा बिजली के बिल हॉफ किए जाएं। सारे मुलाजिमों को जनवरी 2004 से पहिले वाले पैनशन दी जाए, बराबर काम के बदले बराबर मज़दूरी दी जाए।
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