होशियारपुर (MANNA): नए वर्ष में हुई गलतियों को न दोहराते हुए, एक निरंकार प्रभु का आधार लेकर सेवा, सिमरन, सत्संग करते हुए मानवीय गुणों को धारण करके हर तरह की दीवार को गिरातेे हुए दूसरों के चेहरों की ख़ुशी का कारण बनते हुए अपना जीवन व्यतीत करें। यह संदेश नए वर्ष की आमद पर निरंकारी सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज ने समूह संसार को दिया है।
निरंकारी सतगुरु माता जी ने आगे फरमाया कि ब्रह्मज्ञान एक वह रोशनी है जिस के साथ जीवन में एक नई और ऊंची सोच जन्म लेती है और हर कोई आपके सम्पर्क में आने वाला अपना जीवन बदल लेता है। सत्संग जहां एक शीशे का काम करता है। सत्संग में आ कर ही एक अच्छी शिक्षा प्राप्त होती है जिस के साथ भाईचारक एकता पैदा होती है । तंगदिलीयों से राहत मिलती है । मनुष्य हर एक में एक निरंकार प्रभु की झलक देखता है । हमें सत्संग की हर एक बात को बड़े ध्यान से पहले सुनना चाहिए और साथ उन शिक्षाओं को याद भी रखना चाहिए जो हमारे रोजानों ही जीवन में काम आने वाली हैं। हमें अच्छे मानवीय गुणों के प्रेक्षक बनकर एक अच्छा मनुष्य बनना चाहिए जिससे मानवता को ओर मज़बूत करने में अपना योगदान दे सके। सतगुरु माता जी ने कहा कि हमें हर एक तरह की मन के बीच की दीवार गिरा देनी चाहिए जो दूरियां पैदा करती है और सभी बच्चों, बुज़ुर्गों और नौजवानों को सत्य के रास्ते पर चलना चाहिए जिससे धरती गुलज़ार और स्वर्ग का नक्शा बन सके। अंत में सतगुरु माता जी ने पूर्ण संसार के लिए भले की कामना करते हुए कहा कि दातार कृपा करे साकारत्मक सोच हमारे अंदर घर कर जाये और हमेशा वह किया जाये जो मानव जाति के लिए सही हो। निरंकारी सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज ने अंत में हर मानव को नए वर्ष में प्यार, प्रीत, मिलवर्तन, भाईचारा, सहनशीलता जैसे गुणों को अपनाने और प्रभु परमात्मा की जानकारी हासिल करन का संदेश दिया।
EDITOR
CANADIAN DOABA TIMES
Email: editor@doabatimes.com
Mob:. 98146-40032 whtsapp