HOAHIARPUR (ADESH )
दिसंबर 2016 तक केंद्र सरकार द्वारा होशियारपुर में 100 फ़ीसदी सीवरेज व वाटर सप्लाई का काम पूरा करने के लिए फंड भेज दिए गए थे। 40 करोड़ के इस प्रोजेक्ट में 50 फ़ीसदी हिस्सा केंद्र सरकार का है। पंजाब सरकार करीब 3 साल तक केंद्र द्वारा दिए गए फंडों का दुरुपयोग अन्य कार्यों में करती रही तथा शहर निवासियों को 3 साल तक वाटर सप्लाई व सीवरेज से वंचित रहना पड़ा। अब जब पंजाब सरकार ने अपने हिस्से के फंड की राशि देने का फैसला करके कार्य शुरू करवाए हैं तो एक नया घोटाला सामने आया है। शहर के कुछ रसूखदार लोग जो कॉलोनियां काटने का काम करते हैं उन्हें मानो सोने की खान मिल गई हो । शहर में भाजपा के पार्षद अपने मोहल्लों में सीवरेज और वाटर सप्लाई का थोड़ा-थोड़ा काम करवाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं तथा सत्तारूढ़ पार्टी के कार्यकर्ता उन्हें रास्ता नहीं दे रहे हैं।
ऐसे में आम लोगों का ध्यान गलियों मोहल्लों में फंसा कर सत्तारूढ़ों की सहायता से कुछ लोग इस योजना का बड़ा भाग शहर के बाहर अपनी कॉलोनियों के मूल्यबर्धन करने को लगे हैं। यह बात पूर्व मंत्री तीक्ष्ण सूद के द्वारा भेजे गए प्रेस नोट में बताई गई है कि अमृत योजना के अंतर्गत नगर निगम की सीमा के एक इंच भी बाहर यह प्रोजेक्ट नहीं जा सकता। उन्होंने कहा कि जो पुडा यां नगर निगम द्वारा स्वीकृत कॉलोनिओं का गंदा पानी भी एस.टी.पी से साफ किये बगैर सीवरेज में नहीं डाला जा सकता। यह रसूखदार लोगों को गैरकानूनी ढंग से फायदा पहुंचाने का काम होगा। श्री सूद ने आगे कहा कि यह प्रोजेक्ट क्योंकि केंद्र सरकार का है तथा इसमें केंद्र सरकार का पैसा लग रहा है, इसके अतिरिक्त पंजाब की सत्तारूढ़ पार्टी से संबंधित लोग भी इस में सम्मिलित हैं। इस लिए निष्पक्ष जांच केबल सीबीआई ही कर सकती है। उन्होंने मुख्यमंत्री से अपील की है कि होशियारपुर में अमृत योजना के कार्य में हो रहे घोटाले की जांच सीबीआई से करवाई जाए।
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