निरंकारी संत समागम का समापन
HOSHIARPUR (ADESH) संत निरंकारी मिशन के तत्वावधान में आज यहां आयोजित भव्य सामूहिक विवाह समारोह मेंमिशन की आध्यात्मिक प्रमुख सद्गुरु माता सुदीक्षाजी महाराज की पावन छत्रछाया में 73 जोड़े विवाह सूत्र में बंधे। महाराष्ट्र के 53वें वार्षिक निरंकारी संत समागम के समापन के बाद उसी स्थान पर बोरगड, नासिक स्थितठक्कर मैदान में यह समारोह संपन्न हुआ।
साधारण, पर प्रभावशालीढंग से आयोजित इस समारोह का शुभारंभ निरंकारी मिशन के पारंपरिक स्वरूप‘जयमाला’ एवं ‘सांझा हार’ से हुआ। संगीत के बीच पवित्र मंत्र स्वरुप 4 निरंकारी लांवेंपढ़ेगये एवं हर लांवेंके अंत में सद्गुरु माता जी वअन्य श्रद्धालु भक्तों केद्वारा जोड़ों पर फूलों की वर्षा की गई ।
नव विवाहित जोड़ों को आशीर्वाद देते हुए सद्गुरु माता जी ने कहा कि वे सब अपनी-अपनी गृहस्थ की जिम्मेदारियों को बखुबी निभायें। ऐसा करते समय वे अधिकारों की अपेक्षा अपने कर्तव्यों को ज्यादा महत्व दें 7शादी केवल पति और पत्नी के बीच का रिश्ता नहीं बल्कि दो परिवारों का नाता होता है। परिवार में रहते हुए सभी का आदर-सत्कार एवं एक दूसरे की भावनाओं की कदर करते हुए तथा सेवा, सुमिरण, सत्संग करते हुए इसे निभाना है।
समारोह की प्रमुखताएँ
आज के इस समारोह का स्वरुप आंतर्राज्यिक था। इस विवाह समारोह मेंमुंबईसे29दुल्हें एवं28दुल्हनें थी तथा शेष महाराष्ट्र से 38 दुल्हे एवं 26 दुल्हनें आई हुई थी 76 दुल्हे एवं 10 दुल्हनें अन्य राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों से थीं। उनमें गुजरात, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, चंडीगढ़, दिल्ली और कर्नाटक राज्यों का समावेश था 7 एक दुल्हन यु.के. से थी। उनकी शिक्षा एवं पेशे की दृष्टि से 18 दुल्हें एवं 21 दुल्हनें स्नातक हैं जबकि 5 दुल्हें और उतनी ही दुल्हनें स्नातकोत्तर पदवी धारक थीं। उनमें 3 दुल्हें इंजिनियर हैं और 4 एमबीए हैं 77 दुल्हनों में 1 इंजिनियर है जबकि 2 एमबीए तथा 2 फार्मासिस्ट हैं 78 जोड़ों में लडकियाँ लडकों से उच्च शिक्षित थीं जबकि 9 अन्य जोड़ों में लडके लडकियों से अधिक शिक्षित हैं।
यह कहना रोचक होगा कि 10 दुल्हें एवं 14 दुल्हनें संत निरंकारी मिशन की अनुयायी नहीं हैं। इसका मतलब मिशन के बाहर के 24 परिवारों ने इस सादे शादियों को पसंद किया। निरंकारी सामूहिक विवाह समारोह की यह विशेषता है कि यहाँ सम्बन्ध जोडऩे में जाति या धर्म कोई मायने नहीं रखते। विवाह समारोह की संपन्नता के बाद मिशन की ओर से दुल्हे-दुल्हनों के परिवार, रिश्तेदार एवं मित्र परिवार को लंगर खिलाया गया।
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