होशियारपुर : (ADESH PARMINDER SINGH) आज शिवसेना बाला साहेब ठाकरे का एक शिष्टमड़ल शिवसेना राज्य उप्प्रमुख रणजीत राणा के नेतृत्व में डिप्टी कमिशनर साहिबा माननीय अपनीत रियात जी से मिलकर एक मांग पत्र दिया गया जिसमें बताया गया कि पिछले महिने 25 जनवरी को देश में नए बनें कानून CAA का विरोध करने के लिए अकाली दल अमृतसर के आगु गुरनाम सिंह और उनकी सहयोगी पार्टीयों में मुख्य आगु अनिल बाघा ने शहर बंद का आह्वान किया था और भाजपा के एक सहयोगी ने अपने साथ कुछ भाजपा नेताओं को लेकर इस बंद का विरोध किया था परन्तू उस अवसर पर दोनों परस्पर विरोधी गुट शहर में हुल्लड़वाजी करते हुए थाना सिटी के सामने इक्कटठे होकर एक दुसरे के खिलाफ़ नारेबाजी की थी और अकाली दल अमृतसर और उसकी सहयोगी पार्टीयों ने CAA कानून का विरोध करने की बजाए हमारे देश के टुकड़े करने की मंशा से किरपाने साथ लेकर उग्र रूप से खालिस्तान के हक में नारे लगाने शुरू कर दिए थे और जनता में दहशत का माहौल बनाने की कोशिश की थी जिसके सबुतो की पुरी रिकार्ड़िग पुलिस विभाग और शहर के कई सी सी कैमरों में रिकार्ड है
इस अवसर पर रणजीत राणा , शम्मी शर्मां , राजु मरवाहा , जावेद खान , काका गुजर , संदीप जप्पड़ा ने मांग की कि पुलिस की मौजूदगी में देश के टुकड़े टुकड़े करने की मंशा से खालिस्तान के हक में नारे लगाने, लोगों में दहशत का माहौल बनाने के दोष में देशद्रोह की धारा 124 के अधीन मुकद्दमां दर्ज किया जाए ताकि भविष्य में देश के टुकड़े करने के लिए कोई भी पार्टी देशविरोधी नारे लगाने की हिम्मत ना करे शिवसेना अखंड भारत के हक में हमेशा से आवाज उठाती रही है इस अवसर पर जावेद खान ने कहा कि शहर का माहौल बिगाडने में भाजपा के एक सहयोगी का भी पूरा हाथ है उसने भी थाना सिटी के साथ लगती दिवारों पर चढकर इस माहौल को दंगा फसाद में बदलने का पूरा जोर लगाया था भाजपा या किसी भी पार्टी को कोई अधिकार नहीं है कि किसी कानून का विरोध करने के लिए गर कोई प्रदशन करता है तो उसे रोके परन्तू शहर में ऐसी चर्चा है कि यह देश विरोधी नारों का ड्रामां दोनो गुटों ने मिलकर रचा और अपने राजनीतीक फायदे के लिए एक दुसरे के विरूध नारेबाजी और तू तू , मैं मैं की प्रशासन को इस रचे ड्रामें की जांच करके सच सामने लाना चाहिए क्यों शिवसेना ने आंतकवाद के दौर से आज तक कई आंदोलन किए जेले तक काटी पर शहर में दहशत का ऐसा माहौल बनाने की किसी की हिम्मत नहीं हुई इसलिए दंगा फसाद के लिए उकसाने वाले उस नेता पर भी कानूनी कारवाई करनी चाहिए ।
EDITOR
CANADIAN DOABA TIMES
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