कोरोना महामारी के समय में भी कुछ लोग जनता को लूटने का काम कर रहे हैं, वे इंसान कहलाने के लायक नहीं हैंं–अश्वनी जोशी

कोरोना महामारी के समय में भी कुछ लोग जनता को लूटने का काम कर रहे हैं, वे इंसान कहलाने के लायक नहीं हैंं–अश्वनी जोशी
–ऐसे लोगों के लाइसेंस कैंसिल करने से भी नहीं हिचकचाएंगे–मार्केट कमेटी के चेयरमैन चमन सिंह भानमजारा
नवांशहर, 7 अप्रैल   (BUREAU CHIEF SAURAV JOSHI)   
नवांशहर प्रशासन द्वारा सब्जियों के तय किए गए रेट की लिस्ट जो प्रशासन द्वारा रिलीज की जा रही है का उदेश्य कहीं ना कहीं फेल होते नजर आ रहा है। आज जब नवांशहर सब्जी मंडी में स्थित एक दुकान पर सब्जी बेचने के गलत रेट सुने गए तो समाज सेवा के हित अश्वनी जोशी ने एक वीडियो बना कर इसका पूरा ही खुलासा कर दिया। जब  दुकानदार से रेट लिस्ट के बारे में पूछा तो उसने निडर होकर कहा कि सब्जी मंडी के दफ्तर में जाकर पता कर लो।
वहीं से जब सब्जी मंडी के सेक्रेटरी परमजीत से संपर्क किया गया तो उन्होंने सब्जी मंडी के सुपरवाइजर जोगेश दत्ता तथा तेजपाल सिंह को मौके पर हालात देखने के लिए भेजा। दुकानदार से जब लिस्ट दिखाने को बोला गया तो उसने कहा कि मेरी लिस्ट तो कहीं गुम हो गई है। मगर मैंने मोबाइल में फोटो लेकर रखी हुई है। ताकि जिसको देखना हो देख सकता है। जब उसके मोबाइल पर से लिस्ट दिखाने को बोला गया, तब पहले तो उसने उगंली उठा आनाकानी की।
लेकिन जब सब्जी मंडी के अधिकारियों की मौजूदगी में लिस्ट दिखाई गई तो पता चला की यह लिस्ट कोई और ही थी। जिसमें सब्जियों के रेट प्रशासन द्वारा दी गई लिस्ट से बिलकुल अलग थे।
अब यहां प्रश्न यह उठता है कि दुकानदार के पास डुप्लीकेट अलग रेट वाली लिस्ट कैसे और कहां से आई। मुख्य बात यह भी है कि सब्जी मंडी में ही यहां अधिकारी भी बैठते हैं अगर दुकानदार ऐसा कर रहे हैं तो फिर बाकी इलाके में अन्य रेहड़ी वालों को रेट लिस्ट के मुताबिक सब्जी बेचना कैसे सुनिश्चित किया जाएगा। मार्केट कमेटी के चेयरमैन चमन सिंह भानमजारा से जब इस विषय पर बात की गई तो उन्होंने कहा कि वह इस मामले में सख्ती से निपटेंंगे और जरूरत पड़ी तो ऐसे लोगों के लाइसेंस कैंसिल करने से नहीं हिचकचाएंगे।
अब देखना है कि इस पर अगली क्या कार्यवाही होगी।
अशवनी जोशी ने कहा कि कोरोना को पराजित करने के लिए हम सभी एक युद्ध के रूप में कार्य कर रहे हैं। ऐसे मौके में अगर कुछ लोग जनता को लूटने का काम कर रहे हैं तो वे इंसान कहलाने के लायक नहीं हैंं।
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